Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -19-May-2022 - कश्ती

कश्ती पार लगाई दो,
मोक्ष मुझको दिलाई दो।
नाम जपूं मैं दिन रैन,
भोले को भांग चढ़ाई दो।
बेलपत्र धतूरा उनको भाए,
आओ भोले को हम मनाएं ।
डमरु वाला वो इतना प्यारा,
नैय्या पार वो ही लगाएं।
धूनी रमा कर बैठे हो,
भक्तों से न रूठे हो।
सीधा सरल वो है इतना,
अकड़ में कभी ना ऐठें हो। 
नंदी को साथ रखते हैं,
गणों की रक्षा करते हैं।
न चाहे महल दुमैहले ,
चंदा सर पर धरते हैं ।
भस्म है उनको अति प्यारी,
उमा जीवनसंगिनी न्यारी।
गणपत कार्तिकेय पुत्र हुए,
गंगा रहती जटा में धारी।
कश्ती पार वहीं लगाएंगे,
तूफानों से हमें बचाएंगे ।
नाविक उनको जो बनाया,
भवसागर पार हो जाएंगे।।


प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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20 Comments

Seema Priyadarshini sahay

21-May-2022 04:02 PM

बहुत खूबसूरत

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Neelam josi

21-May-2022 03:31 PM

Very nice 👌

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Fareha Sameen

20-May-2022 09:08 PM

Nice

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